Menu
blogid : 488 postid : 694620

यूपी सरकार और नियंत्रण

***.......सीधी खरी बात.......***
***.......सीधी खरी बात.......***
  • 2165 Posts
  • 790 Comments

गणतंत्र दिवस समारोह के बाद आमंत्रित किये गए अतिथियों के साथ जिस तरह से वहाँ पर तैनात पुलिस कर्मियों द्वारा अभद्रता की गयी वैसा आज तक नहीं देखा गया है क्योंकि आम तौर पर इस समारोह के लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां की जाती हैं और समय आने पर उनमें लचीलापन भी अपनाया जाता है पर इस बार आखिर ऐसा क्या हुआ कि उसके बाद पुलिस ने पास लिए हुए अतिथियों के साथ जो व्यवहार किया उसमें यूपी के विधायकों से लेकर विभिन्न विभागों के आला अधिकारी तक शामिल थे. सबसे बड़ी बात यह है कि देश के इतने बड़े समारोह को मनाने के लिए जिस तरह से सरकार को कोई निर्देश नहीं देना होता है यह अपने आप ही प्रति वर्ष की जाने वाली तैयारियों की तरह ही होता है और केवल सुरक्षा सम्बन्धी उपायों के मद्देनज़र ही कुछ जगहों पर सभी के आने जाने पर कुछ हद तक प्रतिबन्ध लगा रहता है पर इस तरह से प्रतिबन्ध की सूचना न देकर सीधे अभद्रता करना किसके निर्देशों से किया गया यह देखने का विषय है.
इस अवसर के लिए एक नियम है कि विभिन्न विभागों के अधिकारियों, नगर के गणमान्य लोगों के साथ दोनों सदनों के माननीयों को निमंत्रण भेजे जाते हैं और इनमें से बड़ी संख्या में ये लोग आकर पहले परेड देखते हैं और उसके बाद वहाँ पर जलपान में भी भाग लेकर अपने घरों को चले जाते हैं. राष्ट्रीय महत्व के इस तरह के आयोजनों के प्रति सरकार का यह रवैया आख़िर उसकी किस मानसिक स्थिति की तरफ इशारा करता है कि जहाँ पर प्रदेश का शीर्ष नेतृत्व उपस्थित हो वहाँ पर केवल पुलिस इस तरह से पेश आये जैसे आये हुए लोग कोई पेशेवर अपराधी हैं और उन्हें कहीं भी आने जाने की स्वतंत्रता नहीं दी गयी है. ऐसे अवसरों पर अनौपचारिक रूप से सभी आपस में विचार विमर्श करते हुए अन्य कार्यक्रमों के लिए प्रस्थान कर दिया करते हैं पर इस बार सरकारी और प्रशासनिक लापरवाही की हद ही हो गयी जब इन अतिथियों के साथ ऐसा बर्ताव किया गया है.
भले ही इस मामले में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ अब कोई कड़े कदम उठा लिए जाएँ पर इतने महत्वपूर्ण अवसरों की सपा सरकार के लिए क्या अहमियत है यह पूरी तरह से स्पष्ट ही हो गया है. ऐसा भी नहीं है कि हर वर्ष ऐसा हो रहा है पर इस बार जो कुछ भी हुआ उसको देखते हुए अगले वर्षों में क्या कोई वर्तमान सरकार के रहते कोई इस समारोह में जाना भी चाहेगा ? हर व्यक्ति गणतंत्र दिवस के समारोह में उत्साह से जाना चाहता है पर जब उत्साह को ठंडा करने का इस तरह का उपाय सरकार द्वारा किया जा रहा हो तो किसे वहाँ जाने की आवश्यकता महसूस होगी ? यूपी ने युवा सीएम के रूप में अखिलेश को चुनकर अपने बेहतर भविष्य के सपने संजोये थे पर इस सरकार का काम जिस तरह से औसत से भी काफी कम ही जा रहा है तो क्या यह सब सपा को नहीं दिखायी दे रहा है या फिर वो किसी बड़े झटके को खाने के बाद ही अपने रवैये में बदलाव करने के बारे में सोचे बैठी है ? चाहे जो भी इस तरह के फैसलों के लिए जिम्मेदार हो पर अंत में उँगलियाँ तो सरकार के मुखिया की तरफ ही उठती हैं और दुःख की बात यह है कि सरकार भी इस तरह की गतिविधियों को भविष्य में रोकने के लिए कुछ करना भी नहीं चाह रही है.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh