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कश्मीर की ईद

***.......सीधी खरी बात.......***
***.......सीधी खरी बात.......***
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कश्मीर में युवा किस तरह से अलगाववादियों के चंगुल में फंसे हुए हैं इसका ताज़ा उदाहरण बकरीद की नमाज़ के बाद सोपोर में हुई घटना से मिलता है. जिस तरह से युवाओं ने सोची समझी नीति के तहत नमाज़ के बाद इकठ्ठा हुई भीड़ को प्रदर्शन के लिए उकसाया और फिर पुलिस द्वारा रोके जाने पर पथराव किया उससे क्या पता चलता है ? क़ुरबानी के त्यौहार पर इस तरह से शांत हो चुके माहौल को गर्माने का प्रयास करना आख़िर किस तरह से उचित कहा जा सकता है ? कश्मीर की तरक्की से कुछ लोगों को आज भी चुभन हो रही है जिससे वे हताशा में इस तरह के कदम उठाने से भी नहीं चूकते हैं. जब इस तरह से त्योहारों पर धार्मिक कार्यों के लिए एकत्रित हुए लोगों द्वारा इस तरह का बर्ताव किया जायेगा तो उससे कश्मीर के हितों का किस तरह से भला होगा यह कोई नहीं जानता है पर चंद पैसों के लालच में भटके हुए युवाओं से पाक इस तरह की उम्मीदें बराबर रखता है पर वह यह भूल जाता है कि पहले उसके चंगुल में फंसे लोगों में काफी हद तक उसकी वास्तविकता जान चुके हैं.
कश्मीर में समस्या कुछ नहीं है बस पाक की सोच कश्मीर को प्रगति की राह पर आगे बढ़ते हुए नहीं देखना चाहती है आज भारतीय कश्मीर पूरे पाक से ज्यादा सुरक्षित है और यहाँ पर उद्योग भी धीरे धीरे ही विकसित हो रहे हैं पर पाक ने जिस तरह से कश्मीरियों के मन में यह भावना भर दी है कि भारत कश्मीर में बदलाव करके उसे पूरी तरह से हड़पना चाहता है वह कश्मीर के लिए ही ख़तरनाक है क्योंकि आज़ादी के बाद से कश्मीर को बचने में भारत ने अपना सब कुछ झोंक रखा है पर पाक ने यहाँ पर इस्लाम के नाम पर हिंसक गतिविधियाँ चलने में कोई कसर नहीं छोड़ी है जिससे आज आम कश्मीरी सही ग़लत की पहचान ही नहीं कर पा रहा है. अगर कश्मीर के लोग पूरे भारत के साथ प्रगति के सभी आयामों पर काम करने का फ़ैसला कर लें तो वहां पर भी विकास की वैसी ही बयार बहती दिखाई देगी. भारतीय उद्योगपति तो कश्मीर में काम करना ही चाहते हैं पर कश्मीर के लोग ही हर बात से सशंकित रहा करते हैं अपर उन्हेन्याह समझ नहीं आता कि अगर कश्मीर में कोई उद्योग लगता है तो वहां के लोगों को ही काम मिलेगा और वहां पर औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा भी मिलेगा.
क्या कश्मीर में बैठे चंद पाक समर्थक लोग यह भी नहीं जानते हैं कि इस तरह की घटनाओं से भले ही पाक को कश्मीरियों के बारे में बोलने के लिए कुछ मिल जाये और वह इस बात का इसी तरह से दुष्प्रचार करता है कि लोगों को नमाज़ भी नहीं पढ़ने दी जा रही है जबकि वास्तविकता यह है कि पूरी दुनिया में अगर मुसलमान सबसे आराम से नमाज़ पढ़ता है तो वब भारत ही है क्योंकि पाक जैसे इस्लामी देशों में एक दूसरे के खून के प्यासे लोग मस्जिदों में घुसकर भी नमाजियों को मारने से नहीं चूकते हैं. अब भारत के पास कहने के लिए बहुत कुछ है पर उसने कहना सिर्फ़ इसलिए बंद कर दिया है क्योंकि अब पूरी दुनिया जान चुकी है कि भारत ने कश्मीर के लोगों को शेष भारत के लोगों की तरह ही संविधान के तहत पूरी आज़ादी दे रखी है. अब यह आम कश्मीर के लोगों पर है कि वे किसी तरह के माहौल में रहना चाहते हैं क्योंकि भारत ने उन्हें जीने का सही रास्ता दिखाया है जबकि पाक के यहाँ दम घोंटने वाले माहौल में जीना के लिए कितने तैयार हैं यह अब कश्मीर को हो सोचना है ?

मेरी हर धड़कन भारत के लिए है…

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