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जूती चमकेगी, किस्मत दमकेगी ?

***.......सीधी खरी बात.......***
***.......सीधी खरी बात.......***
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किसी भी व्यक्ति की कथनी और करनी में कितना अंतर होता है यह बात रविवार को मायावती के औरैया दौरे के दौरान देखने को मिली जब राष्ट्रपति पदक से सम्मानित डिप्टी एसपी पद्म सिंह ने अपनी जेब से रुमाल निकल कर मायावती की जूतियाँ साफ़ कीं ? कहने को तो मायावती को मनुवादी व्यवस्था से बहुत चिढ़ है पर सम्मान करने की मनुवादी परंपरा उन्हें बहुत अच्छी लगती है ? यह सही है कि वे दलितों के लिए बहुत सम्मानित हैं पर आधिकारिक ड्यूटी पर लगे हुए सुरक्षा अधिकारी से क्या यह अपेक्षा की जाती है कि वे किसी भी नेता की जूतियाँ अपनी जेब से रुमाल निकाल कर सार्वजनिक स्थल पर ही साफ़ करने लगें ? यह सही है कि माया की कृपा से ही इन पद्म सिंह को सेवा विस्तार मिला है पर इसका मतलब यह तो नहीं है कि वे अपने पद की गरिमा को ही भूल जाएँ ?

किसी भी व्यक्ति के लिए अपनी नौकरी बहुत महत्वपूर्ण होती है पर पद्म सिंह ने जिस तरह से हर गरिमा को तक पर रख दिया वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है ? अगर उन्हें जूतियाँ साफ़ करने का इतना ही शौक है तो उन्हें सेवा विस्तार लेने के स्थान पर सरकार में कोई पद ले लेना चाहिए था जिससे उनकी धमक बहुत बढ़ जाती और मायावती की जूतियाँ वे उनके सेवक होने के कारण हर समय साफ़ कर सकते थे ? कानपुर निवासी इस अधिकारी के जलवे के कारण पूरे सरकारी अमले में इनकी भी धमक है. ये पिछले १८ वर्षों से मायावती के सुरक्षा अधिकारी रहे हैं और अब पुलिस अधिकारी कम और बसपा के कार्यकर्ता अधिक नज़र आते हैं ?

एक बात और जो सबसे महत्वपूर्ण है कि सार्वजनिक स्थानों पर इस तरह के प्रदर्शनों से मायावती आख़िर क्या दिखाना चाहती हैं ? क्या वे सारी नौकरशाही को यह दिखाना चाहती हैं कि सब उनके जूते के नीचे हैं ? जब चाटुकारिता ही सेवा की परिभाषा बन जाए तो इस तरह की बातें तो दिखाई ही देंगीं ? आख़िर जिस मानसिकता का विरोध करते हुए मायावती नहीं थकती हैं उन्हें वहीं सारी परम्पराएँ आख़िर क्यों अच्छी लगती हैं ? आख़िर वे किस तरह की बराबरी दिखाना चाहती हैं सभी जानते हैं कि मायावती को भी चरण वंदना करवाने में बहुत अच्छा लगता है क्योंकि उनके बिना चाहे कोई भी उनके पैर नहीं छू सकता है ? फिर भी यह एक तरह से शोध का विषय हो सकता है कि आखिर लोग इस तरह से व्यवहार क्यों करते हैं और हो सकता है कि आने वाले समय में इस तरह की बातों पर कोई वैज्ञानिक शोध भी हो जाये पर फिलहाल तो यही कहा जा सकता है कि बेटा जूते चमकाओगे तभी किस्मत चमकेगी ……..

मेरी हर धड़कन भारत के लिए है…

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