Menu
blogid : 488 postid : 367

देश भक्ति केवल एक दिन क्यों ?

***.......सीधी खरी बात.......***
***.......सीधी खरी बात.......***
  • 2165 Posts
  • 790 Comments

जिस तरह से अभी तक पूरे भारत में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है उसे देखकर यही लगता है जैसे पूरे देश में देश भक्ति की लहरें चल रही हैं अपर २७ तारीख़ आते ही हम सभी यह भूल जाते हैं कि देश में देश भक्त लोग भी होने चाहिए ? आख़िर क्या कारण है कि हम २६ जनवरी या १५ अगस्त को अचानक ही देश भक्ति की भावना में बहने लगते हैं टीवी, रेडियो और भी अन्य सभी जगह केवल तिरंगे का ही जोर दिखाई देने लगता है ? फिर अचानक जैसे सब कुछ समाप्त हो जाता है और हम अपने पुराने ढर्रे पर वापस लौट जाते हैं ? देश भक्ति के गीत फिर से कहीं जैसे हिफाज़त से रख दिए जाते हैं ? क्या किसी भी जीवंत गणतंत्र के लिए यह संकेत शुभ कहे जा सकते हैं ? नहीं कभी भी नहीं क्योंकि जब तक हमारे अन्दर यह भावना स्वयं ही नहीं पैदा होगी तब तक हम किसी भी तरह से जीवित गणतंत्र नहीं बन पायेंगें ?
देश की मूल भावना देश भक्ति की भावना आख़िर कैसे लोगों के अन्दर डाली जा सकती है ? यह कोई ऐसी चीज़ नहीं है जिसे कहीं से पैदा किया जा सकता है या फिर कहीं से इसके लिए कोई प्रयास काम कर सकते हैं ? नहीं ऐसा कभी भी नहीं किया जा सकता है ? आज देश भक्ति का सबसे बड़ा उदाहरण हम केवल यह कहकर दे सकते हैं कि अब हम कहीं से भी किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार का किसी भी रूप में समर्थन नहीं करेंगें. देश हमारा है और केवल देश भक्तिके गीत गाने और सुने से इस देश का अब भला नहीं होने वाला है आज की आवश्यकता है कि हम सभी लोग देश को किसी भी स्तर से खोखला करने वाली शक्तियों के खिलाफ़ एक साथ उठकर खड़े हो जाएँ. देश को कुछ लोग केवल इसलिए ही अपने मन के मुताबिक हांकने की कोशिश करते रहते हैं क्योंकि उनको यह पता है कि इतनी बड़ी आबादी की तरफ़ से कभी भी कोई भी समवेत प्रयास नहीं किया जायेगा ? और जब तक आम जन चुप है तब तक ही गणतंत्र खतरे में है. जिस दिन हम सभी देश के बार में अच्छा बुरा सोचने और पूछने की हिम्मत दिखाने लगेंगें ठीक उसी दिन से जो कुछ भी ग़लत पटरी पर चल रहा है वापस सुधार की तरफ़ लौटने लगेगा.
अच्छा हो कि इन राष्ट्रीय पर्वों को हम रोज़ का ही अवसर मान लें जिससे इनके लिए और देश के लिए कुछ विशेष प्रयास कभी भी न करने पड़ें ? देश हित हमारा हित है और इसके लिए हम दूसरों पर कैसे निर्भर रह सकते हैं ? देश के लिए केवल कसमें खाने से काम नहीं चलने वाला है अब कहीं न कहीं से हम सभी को यह करना ही होगा के देश के लिए कुछ समय से किया जाए ? भारत हमारा है और जब तक हम इसे दिल से अपन नहीं मान लेते हैं तब तक इसके बारे में की गयी कोई भी बात कभी भी पूरी नहीं हो सकती है. आज समय है कि हम इन दिखावे की बातों को पीछे छोड़कर दिल से देश के साथ खड़े हो जाएँ क्योंकि तभी कुछ सही हो पायेगा और देश हमारी आकांक्षाओं के रूप में सामने आ पायेगा.

मेरी हर धड़कन भारत के लिए है…

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh