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पूर्व संघ प्रमुख के सी सुदर्शन के सोनिया गाँधी के खिलाफ दिए गए बयान के बाद कांग्रेस को संसद में घेरने की भाजपा की मंशा लगता है कि अधूरी ही रह जाएगी. जिस तरह से कांग्रेस ने इस बयान का विरोध किया है उसकी पूरी उम्मीद थी. वैसे भी किसी भी सभ्य समाज में किसी को भी इस तरह की बातें करने का हक नहीं दिया जा सकता है. भारत में भारतीयता का ढिंढोरा पीटने वाले लोग जब इस तरह की बातें करने लगें तो क्या कहा जाये ? अभी तक भारतीयता का ढोंग करने वाले संघ के पूर्व प्रमुख ने जिस घटिया स्तर तक जाते हुए अपने मानसिक दीवालिये पन का सबूत दिया वह संघ की महिलाओं के प्रति आस्था और इज्ज़त को दर्शाता है.
यह सही है कि इस तरह के किसी भी बयान के बाद सुदर्शन के साथ कोई भी खड़ा होने वाला नहीं था और वही हुआ… आज बात बात पर संघ की कसमें खाने वाली भाजपा की बोलती बंद है यहाँ तक भाजपा के प्रवक्ता को सोनिया के पक्ष में बहुत कुछ कहना पड़ा. उन्होंने यह भी माना कि सुदर्शन का अब संघ से कुछ भी लेना देना नहीं है और यह संघ के नहीं उनके व्यक्तिगत बयान हो सकते हैं. भाजपा को अपने को सुदर्शन से काफी दूर साबित करने की कोशिशें भी दिखानी पड़ीं. जब कोई सोनिया के खिलाफ इस तरह के बयान देता है तो कांग्रेस में उबाल आ जाता है और आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो जाता है. फिर भी सोनिया के आदेश के चलते अभद्रता भरे बयान आज भी कांग्रेस में कम ही दिखाई देती हैं.
इस तरह के बयानों के और चाहे जो भी निहितार्थ हों पर विदेशों में भारत की छवि को बहुत नुकसान पहुँचता है. सोनिया को विदेशी कहकर उनकी आलोचना करने वाले लोग भी उनकी एक बात को मानते हैं कि वे अब जितनी भारतीय हैं उतने तो भारत में पैदा होने वाले हम लोग भी नहीं हैं ? क्या किसी को यह याद आता है कि सोनिया ने कभी भी किसी के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया हो ? पर भारत में कितने ही लोगों ने उन्हें पता नहीं क्या क्या नहीं कहा है ? अब क्या कहा जाये भारत की सभ्यता अच्छी है या इटली की ? चाहे कुछ भी हो सोनिया ने अपने आप को हम भारतीयों से ज्यादा अच्छा भारतीय साबित कर दिया है जो लोग उनके पीछे नाहक ही पड़े रहते हैं असल में उनके पास उनके खिलाफ़ बोलने के लिए कुछ है ही नहीं फिर भी इतने लोगों कि बकवास सुनकर भी वे जिस तरह से शांत रहती हैं यह उनके धैर्य को भी दिखाता है……
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