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सारी दुनिया में इस्लाम के खिलाफ़ बहुत कुछ बोला और लिखा जा रहा है ऐसे में भारत की प्रमुख इस्लामी संस्था देवबंद पर सभी की निगाहें गडी रहती हैं. दो दिन पहले आये एक फ़तवे ने देश के मुस्लिम समाज सहित पूरे देश में एक बहस का माहौल बना दिया था कि मुस्लिम औरतों को मर्दों के साथ काम नहीं करना चाहिए. इस मामले में अच्छा ही हुआ कि देवबंद के प्रवक्ता अदनान मुंशी ने सारे मसले को साफ़ कर दिया. उन्होंने कहा कि देवबंद ने कामकाजी महिलाओं के खिलाफ कोई फ़तवा नहीं जारी किया है, देवबंद ने केवल यह कहा था कि कामकाजी औरतों को कपड़े ठीक से पहनने चाहिए. इस मुद्दे के गलत ढंग से उठाया गया है और कुछ लोगों ने इसकी मनमानी व्याख्या भी कर दी कि इस्लाम औरतों के खिलाफ है. इस तरह की बातें करने वालों को इस्लाम के बारे में सही जानकारी नहीं है.
कोई भी धर्म किसी पर अत्याचार करना नहीं सिखाता है आज के समय में समस्या कुछ और है और लोग समस्या को किसी अन्य ढंग से प्रस्तुत कर देते हैं जिससे मूल समस्या पीछे रह जाती है और अनावश्यक बातें करने वाले सामने आ जाते हैं. इस्लाम के अनुसार औरतों को वहां पर काम करने की छूट है जहाँ पर मर्द भी औरत को शरिया की नज़र से देखे. कहीं पर भी इस बात के लिए नहीं कहा गया है कि औरतें काम नहीं कर सकती हैं. इस्लाम बराबरी का दर्ज़ा दोनों को देता है और किसी में फर्क नहीं करता है. आज के समय में हर व्यक्ति अपने हितों को साधने के लिए धर्म का सहारा लेना चाहता है जो कि धर्म की नज़रों में ही अधर्म है. इस्लाम या शरिया में जो कुछ भी कहा गया है वह मर्दों और औरतों दोनों के लिए बराबर से है और औरतों की हिफाज़त करने के लिए उनके लिए कुछ बातें अलग से भी कही गयी हैं. आज समस्या धर्म नहीं हैं वरन धर्म को मानने वाले हैं क्योंकि वे धर्म में भी अपने ग़लत काम सही करवाना चाहते हैं.
किसी एक धर्म को कहने से अच्छा है कि सभी धर्मों के बारे में जाना जाये. आज के युग में चूंकि इस्लाम के बारे में लोग अधिक सशंकित रहते हैं इसलिए अब यह इस्लाम के मानने वालों पर ही टिक जाता है कि वे इस्लाम के बारे में फैली हुई भ्रांतियों को दूर करें. साथ ही धर्म को खुली हवा की तरह सबके लिए सुलभ बनायें क्योंकि जब तक आम मुसलमान इस्लाम को नहीं समझ पायेगा तब तक चंद लोग इसी तरह से अपने हितों को साधने के लिए फ़तवों का प्रयोग कर इस्लाम के प्रति लोगों के मन में शंका उत्पन्न करते रहेंगें.
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है…
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